1. शुरुआत :-
👉 World Music Day 2023 विश्व संगीत दिवस की शुरुआत फ्रांस से हुई थी।
👉 यहां के तत्कालीन सांस्कृतिक मंत्री जैक लैंग (French Minister of Culture Jack Lang) ने इसकी घोषणा की थी।
👉 उन्होंने इस एलान के द्वारा लोगों में म्यूजिक के प्रति लगाव और जूनून को देखते हुए किया था।
खुशी हो या फिर गम म्यूजिक कभी भी हमें अकेला नहीं छोड़ता। हम, जब भी उदास होते हैं तो कोई न कोई अपने फेवरेट सॉन्ग सुनकर खुद को थोड़ा बेटर फील करा ही लेते हैं।
2. विश्व संगीत दिवस 2023 थीम (World Music Day 2023 Theme) :-
विश्व संगीत दिवस 2023 का थीम “म्यूजिक एट द इंटरसेक्शन” है, जो समुदायों और लोगों को एक साथ लाने और सामाजिक परिवर्तन का आग्रह करने के लिए संगीत की शक्ति पर प्रकाश डालता है.
2. पहली बार मनाया गया. :-
फ्रांस सरकार की घोषणा के बाद दुनिया का सबसे पहला संगीत दिवस 1982 में फ्रांस में मनाया गया था।
विश्व संगीत दिवस को Fête de la Musique भी कहा जाता है।
Fête de la musique में दुनिया भर के करीब 120 से अधिक देश भाग लेते हैं।
वहीं, अकेले 82 शहर अमेरिका से इस कार्यक्रम में हिसा लेते हैं।
3. अन्य तथ्य :-
तमाम रिसर्च पर गौर करें तो म्यूजिक से स्ट्रैस में रिलीफ महानमिलता है।
संगीत से दिल को जहां सुकून मिलता है वहीं दिमाग को शांति का एहसास होता है. यहां तक कि इलाज में भी म्यूजिक (Music Therapy For Treatment) की मदद लिया जाने लगा है.
वर्ल्ड म्यूजिक डे दुनिया भर में शांति और भाईचारे का संदेश फैलाने के साथ साथ संगीत का बढ़ावा देता है.
इस अवसर पर म्यूजिक की दुनिया में अपना योगदान देने वाले कलाकारों को याद किया जाता है.
4. महान संगीतकार :-
आज संगीत दिवस पर हम बात करें उन महान संगीतकारों (Famous Musician) की जिन्होंने भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में प्रसिद्धि और पहचान दिलाई।
1. पंडित हरिप्रसाद चौरसिया
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, जो एक बांसुरी वाद्ययंत्र के ऐसे मास्टर बने जिन्होंने अपनी बांसुरी के धुन पर किसी का भी मन मोह लिया. वैसे तो वो एक पहलवान के बेटे थे लेकिन अपनी संगीत की कला से उन्होंने पूरी दुनिया में पहचान बनाई. बचपन में 15 साल की उम्र से वह छुप छुप के अपने पड़ोसी से शास्त्रीय मुखर संगीत सीखते थे. उनकी इस कला ने भारतीय संगीत का पूरी दुनिया में परिचय करवाया.
2. जगजीत सिंह
पूरी दुनिया में गजल किंग के नाम से मशहूर जगजीत सिंह की शख्सियत से कौन नहीं वाकिफ है. गजल किंग जगजीत सिंह हरमोनियम बचाते थे. उन्होंने संगीत की कई विधाओं में अपनी शुद्ध भावपूर्ण और आकर्षक आवाज के साथ अविश्वसनीय सफलता हासिल की. जगजीत सिंह गजल के साथ साथ रोमांटिक धुनों, उदास रचनाओं और भक्ति भजनों के भी संगीतकार के रूप में पहचाने जाते हैं. जगजीत सिंह ने अपनी कला के माध्यम से पूरी दुनिया पर अपनी अलग छाप छोड़ी है.
3. जाकिर हुसैन
सबसे कम उम्र में तबला वादक कलाकार जाकिर हुसैन अपनी कला को भारतीय संगीत के रूप में पूरी दनिया में पहचान दिलाई. उन्होंने हर एक मिलीसेकंड में ताल निकालने सकने की क्षमता रखी, जिसने ताल श्रोताओं को उनकी कला से हमेशा बांध के रखा है. आज पूरी दुनिया उन्हें तबला वादक के रूप में पहचानती है. अपनी कला के दम पर उन्होंने पद्मभूषण का सम्मान भी हासिल किया है.
4. उस्ताद बिस्मिल्ला खान
भारतीय संगीत में संगीतकार उस्ताद बिस्मिल्ला खान का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है, यह एक शहनाई वादक थे और संगीत के लुभावनी धुन बनाते थे. उस्ताद बिस्मिल्ला खान को भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण आदि से सम्मानित किया गया हैं. वैश्विक स्तर पर उन्होंने अपने संगीत से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
5. सुब्बलक्ष्मी
सुब्बलक्ष्मी जी एक महिला संगीतकारों थीख् जो वीणा बजाती थी, इन्होंने केवल 13 साल की उम्र में अपना पहला प्रदर्शन मद्रास संगीत अकादमी में किया था. वह गायन के मामले में दोष रहित थी और इसी बात ने उन्हें संगीत का दिवाना बना दिया था, कर्नाटक संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
6. एमएम कीरावनी
एमएम कीरावनी ने कई सुपरहिट फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है. लेकिन आरआरआर’ के संगीत ने दुनिया भर के दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. कीरावनी को आरआरआर’ के गाने नातू-नातू’ के लिए 2023 का ऑस्कर अवॉर्ड मिला है.
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